मैथिली वेब पत्रकारिता: केहन चुनौती, कतेक संभावना


तकनीकक एहि युग मे नित नूतन खोज मानव समुदाय कें तीव्र परिवर्तन दिस लेने जा रहल अछि. सूचना क्रांति केर एतेक विकास हेतै से के' सोचने छल! प्रकृति मे अपना कें अनुकूलित रखबा मे मनुक्ख जतेक सक्षम अछि, ओहि सं बेसी चैलेंज ओ अपने अपना लेल तैयार करैत रहैत अछि. एकरे प्रतिफल अछि जे हमरा लोकनि सूचना-सिंधु मे आबि ठाढ़ छी.

पत्र पहिने व्यक्ति सं व्यक्ति धरि सूचना नेने जाइ छल. फेर पत्रिका समूह कें समाद देबए लागल. देखिते-देखिते पत्रकारिता देश आ आब दुनिया कें अपन कोरा मे खेला रहल अछि. स्पष्ट अछि, पत्रकारिता कें ई पावर सूचना तकनीक देलक अछि. पत्रकारिता ओ तकनीक केर ई तालमेल वेब पत्रकारिता रूपें हमरा सभक सोझां अछि.

जखन साल 1992 मे वर्ल्ड वाइड वेब कें सार्वजनिक कएल गेल तखने सं पत्रकारिताक नबका ठाम फुजल बुझल गेल. दू-तीन साल जाइत-जाइत हजारक संख्या मे ऑनलाइन समाचार प्रदाता सब सोझां आएल. तकनीकक बात करी त' हमरा लोकनि जनैत छी जे सबटा अंगरेजिए बाटे अबैत छै. तहिना भारत मे साल 1995 मे अंग्रेजी पत्र ‘हिन्दू’ इंटरनेट पर उपस्थित भेल. एकर बादे भारतक आन-आन भाषा सब मे पत्र-पत्रिका, टीवी-रेडियो सहित स्वतंत्र समाचार प्रदाता सब इंटरनेट दिस अबै जाइ गेलाह. 

आब एखन लगभग सब प्रमुख भारतीय भाषा मे समाचार पोर्टल, इपेपर, ऑडियो-वीडियो समाद कार्यक्रम भ' रहल अछि. एखन ओ समय अछि जखन कंटेंट फॉरमेट आधारित प्लेटफॉर्म सब सेहो आबि रहल अछि आ एहू मे भाग-प्रभाग सब शुरू भ' रहल अछि. जेना-जेना यूजर बढ़ि रहल छै, तकनीक विकसित भ’ रहल अछि, वेब पत्रकारिता मजगूत आ प्रभावी होइत जा रहल अछि.

मैथिली वेब पत्रकारिता 
मैथिली पत्रकारिता (Maithili Journalism) केर जेहन स्थिति रहल, लगभग तहिना वेब पर सेहो एकर आरम्भ आ यात्राक ग्राफ देखल जाइछ. साहित्य आ संस्कृति सं प्रेम रखनिहार देश-दुनिया मे पसरल मैथिल लोकनि जखन वेब पर अपन भाषा आ अपन लोक कें ताकब शुरू केलनि त' निराशा हाथ लगलनि. ओही मे सं किछु उत्साही तकनीकसेवी मैथिल लोकनि साल 2004 मे वेब पत्रिका, ब्लॉग आदि शुरू केलनि. एहन समय मे कतेक रास बात, भालसरिक गाछ, पल्लव मिथिला, हैलो मिथिला सहित किछु ब्लॉग सब वेब पत्रकारिताक आस जगओलक. 

आन भारतीय भाषा सब जखन वेब पर विस्तार पाबि रहल छल, मैथिली वेब पत्रकारिता (Maithili Web Journalism) उपस्थित होएबाक जद्दोजहद मे छल. ब्लॉगिंग केर अलावे ऑरकुट सन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ओ गूगल-याहू केर कम्युनिटी ग्रुप सब सेहो वेब पर मैथिली यूजर कें ने मात्र बन्हने रहल अपितु मैथिली कंटेंट कें बढ़एबा मे अपन योग देइत रहल.

साल 2007 मे मैथिलीक पहिल इपेपर 'इसमाद' शुरू भेल, ओतहि साल 2008 मे पाक्षिक इ-पत्रिका विदेह सहित अनेकानेक प्रयास सोझां आएल. ओही समय मैथिली दैनिक समाचारपत्र (Maithili Newspaper) मिथिला समाद केर ब्लॉग ओ इपेपर सेहो अपडेट होएब शुरू भेल. साल 2010 मे साप्ताहिक 'झलक मिथिला' अपन प्रिंट वर्जन ओ प्रकाशित सामग्री ब्लॉग पर देब शुरू केने छल. एकर 10टा अंक एखनो वेब पर सुरक्षित राखल अछि. एकर संगहि अनेक खुदरा काज सब वेब पर होइत रहल.

ई ओ समय छल जखन सर्च इंजन सब मैथिली भाषाक रिसोर्स इंडेक्स करब शुरू क' देने छल. खोजने किछु परिणाम सब भेटए लागल छल. फेसबुक सन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैथिली लिखनिहार किछु गोटे कें सेहो देखल जा सकैत छल. एतय ध्यान देबाक बात ई अछि जे एकाध ठाम छोड़ि मैथिली मे समाद आदि नहि देखल जाइत छल. बेसी भाग साइट साहित्य-संस्कृति सं जुड़ल कंटेंट देइत छल.

मैथिली वेब पत्रकारिता (Maithili Web Journalism) मे साल 2012 बेस फलदायी रहल. एहि साल मैथिली दैनिक अखबार मिथिला आवाज अपन वेब संस्करण सेहो निकालब शुरू केलक. एतबहि नै, वेब पर समाद माध्यम कें मजगूत करैत 'मिथिला प्राइम' जोरदार ढंग सं उपस्थित भेल. ओतहि 15 अगस्त 2012 कें 'मिथिमीडिया' केर औपचारिक शुरुआत भेने मैथिली वेब पत्रकारिता जेना अपन एखन धरिक सब सं बेसी हरियरी पर देखल गेल. एहि कड़ी मे वेब पर मैथिली पत्रकारिता मे 'मिथिला मिरर' ओ 'मैथिली जिन्दाबाद' केर उल्लेखनीय काज रहल अछि.

वेब पर मैथिलीक बात करी त' टाल लागल वेबसाइट/ब्लॉग आदि फुजल आ फेर बन्न भेल. बहुत रास कम-बेस अपडेट होइत एखनो चलैत अछि. हम ओहि सब वेबसाइट/ब्लॉग केर नाम एतय लिखने छी जे मैथिली वेब पत्रकारिता लेल उल्लेखनीय काज केने छथि. साल 2014 मे मिथिमीडिया 'वेब पत्रकारिता ओ मैथिली' विषयक संगोष्ठी कलकत्ता केर विद्यापति सदन मे आयोजित केने छल. मैथिली पत्रकारिता जगत केर नामचीन व्यक्तित्व सभक संबोधनक अतिरिक्त मैथिली वेब पत्रकारिताक विभिन्न पक्ष पर आलेख पढ़ल गेल. 

मिथिमीडिया वेबसाइट पर उक्त संगोष्ठी केर आलेख सब एतय देखल जा सकैछ:

वेब पत्रकारिता पर बहुत रास तथ्य ओ शोधपरक बिंदु सोझां आबि चुकल अछि, जकर मुख्य जानकारी सब एतय हम शेयर केने छी. एतेक कहल जा सकैछ जे मैथिली वेब पत्रकारिता बेस लटल अवस्था मे जरूर अछि मुदा आन भारतीय भाषा सभक संग आरंभहि सं डटल रहल अछि.

केहन चुनौती सब छै?
पत्रकारिता चुनौती सं भरल विधा छै, ओकर जे अपन समस्या सब छै से वेब पत्रकारितो मे सेहो ओहिना छै. पत्रकारिता क्षेत्र लेल वेब पर की सब चैलेंज छै ताहि पर चलब. ओहि सं पहिने एकटा सुविधा पर बात क' लैत छी. जें कि हमरा प्रिंट आ वेब दुनू तरहक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगे काज करबाक अनुभव अछि, देखैत छी जे वेब पत्रकारिता मे प्रिंटिंग केर समस्या सं छुट्टी भ' जाइ छै. शेष काजराज ओहिना कें ओहिना करए पड़ैत छै.

एकटा आओर बात ई जे वेब पत्रकारिता एहन माध्यम छै, जाहि मे टीवी, रेडियो आ प्रिंट मीडिया सबहक स्थान छै. तैं आब त' पत्रकारिताक सबटा नदी वेब माध्यम रूपी समुद्र मे समाहित भेटैत अछि. जें कि खाली लेखन नै, अपितु ऑडियो-वीडियो सेहो वेब पत्रकारिताक अभिन्न अंग बनल अछि, एकर सभक जोगार, निर्माण, प्रसारण, संचालन कनेक कठिन भेल जाइछ.

वेब लेल कंटेंट तैयार करबा सं ल' प्रसारण धरि चैलेंज छै, मुदा डिस्ट्रीब्यूशन मे एकरत्ती सहजता छै. सोझे यूजर सं कनेक्ट करबाक जे क्षमता एहि माध्यम कें प्राप्त छै से एकरा बलगर बनबैत छै. वेब पत्रकारिता यूजर सं पोषित होइ छै. इंटरनेट यूजर तेजी सं बढ़लैक अछि. मुदा मैथिली बजनिहारक जे संख्या छै, ओहि सं बहुत-बहुत कम संख्या मे मैथिली पढ़निहार छै, तैं पाठकक अभाव ओतहु देखबा मे अबैछ. 

एतबे नै, मिथिलाक लोक अपना कें हिन्दी पढ़ए मे बेस सहज बुझैत छथि आ मैथिलीक बेसी भाग यूजर हिन्दी पोर्टल पर बुलैत देखल जाइत छथि. एकर एकटा कारण लगातार गुणवत्तापूर्ण सामग्रीक अभाव सेहो बूझल जेबाक चाही. एकर अलावे मैथिली वेब पत्रकारिता व्यक्ति विशेषक प्रयास पर टिकल रहैत अछि. एहि कारणें क्वालिटी आ क्वांटिटी दुनू मामिला मे पछुआ जाइत अछि. कोनो स्थापित संस्था वा मीडिया बिजनेस हाउस केर सहयोग-समर्थन नै रहने प्रयास पहिने शिथिल आ फेर समाप्त भ' जाइछ.

एहि प्रकारें हम देखैत छी जे मैथिली वेब पत्रकारिता कें मुख्यतः तीन चुनौती समक्ष छै- यूजर उदासीनता, सामग्रीक गुणवत्ता ओ आर्थिक अभाव. एहि मे हम आर्थिक पक्ष कें मुख्य चुनौतीक रूप मे देखैत छी. एकर समाधान भेने बाकी चुनौतीक सहजें समाधान भेटि जेतै. एकर संगहि जखने मैथिली वेब पत्रकारिताक जे सक्षम प्रयास हेतै त' पाठक सेहो आकर्षित हेताह. हालांकि आर्थिक पक्ष पर मैथिलीए नै, अन्य भारतीय भाषा सभक वेब मीडिया सेहो जूझि रहल छै. 

मैथिलीक बात करी त' ई समस्या कने भयावह रूप मे अछि. आन भाषा सब मे यूजर अधिक रहने ने मात्र ऑनलाइन विज्ञापनक बाट सहज रहैत छै, बल्कि सहयोग-समर्थन लेल कतिपय सरकारी-असरकारी विकल्प सेहो उपस्थित रहैत छै. 

कतेक संभावना देखबा मे अबैछ?
मैथिली वेब पत्रकारिता केर गाछ एखन बीज मे सं बस अंकुरित भेल अछि. एहि दिशा मे लगातार ठोसगर काजक जरूरति छै. जें कि काज खूब कम भेल छै, संभावना अनंत छै. बदलैत तकनीक आ नेटिव भाषा सब मे बढ़ैत अवसर मैथिली भाषा मे वेब पत्रकारिताक संभावना जगा रहल छै. गाम-गाम धरि लोकक हाथ मे मोबाइल छै, इंटरनेट सुविधा छै. इहो सत्य छै जे मिथिलाक गाम-गाम मैथिली भाषा मे वेब पर पत्रकारिता करैत पहुंचल जा सकैत अछि. 

एतबे नै, एकर संगहि दुनियाक कोनो कोन में बसल मैथिल धरि समाद पठाओल जा सकैछ. विशेष जे एकर चमत्कार छै से हमरा सब मोबाइल आ इंटरनेट यूजर खूब जनैत छी. एक समय 'दुनिया दुआरि पर' अनबाक लेल इंटरनेट माध्यमे प्रयास होइ छल. मोबाइल क्रांति भेने आब 'तरहत्थी पर दुनिया' अछि. भारतक विशाल जनसंख्या इंटरनेट वा वेब लेल बड़का बाजार उपलब्ध करबैत अछि. एहना मे पत्रकारिता कें पल्लवित होएबाक पूरा अवसर छै.

गूगल सहित प्रमुख इंटरनेट प्लेयर सब भारतीय भाषा आधारित यूजर कें आकर्षित करबाक जोगार मे दिन-राति लागल अछि. गूगल केर एक रिमोट प्रोजेक्ट सं जुड़ने ज्ञात भेल जे छोट-छोट भाषा-भाषी क्षेत्र धरि पहुंचबाक प्लानिंग सब भ' रहल छै. मैथिलीभाषी त' भारत-नेपाल सहित दुनियाभरि मे पसरल अछि. संख्याबल जे रहए, उपलब्ध आंकड़ा आ बाजारक संभावना मे झूस मैथिली मे कोनो बेहतर सम्भावना लेल इंतजार करबाक जरूरति महसूस होइत अछि. 

मुदा जेना एक्टिव यूजर बढ़ल जा रहल अछि, मैथिली पत्रकारिता लेल विशाल सम्भावना सं मना नै कएल जा सकैछ. प्रोफेशनल तरीका सं समधानल काज केने मैथिली वेब पत्रकारिता अपन बेहतरीन दिवस देखि सकैत अछि. आगामी दिन मे पत्रकारिताक बड़का प्रतिष्ठान सब भाषा पोर्टल सब मे जरूर मैथिली कें जोड़त. एहना मे हम देखि रहल छी जे मैथिली वेब पत्रकारिता मे अवसरक टाल रहत. नीक दिनक आस मे, लुक्खी प्रयास मे दशक भरि सं हम अपनो लागल छी. 

संगहि सम्भावना कें वास्तविकता बनेबाक लेल आ अवसर कें भाषा-भाषी लेल अनुकूल बनेबाक लेल मैथिल समुदाय कें वेब पर अपन भाषा मे सामग्री बनएबा सं ल' पढ़बाक-सुनबाक-देखबाक हिस्सक जरूर लगेबाक चाही. भाषा आ तकनीक पर समान रूपें काज करैत जतेक ज्ञात भेल अछि, ओहि सं एतेक भांज जरूर लागल अछि जे वेब पर मैथिली एखन अपन यात्राक परसेंट-दू परसेंट बाट तय कएलक अछि. अपार सम्भावना हमरा सब कें हाक द' रहल अछि!

 रूपेश त्योंथ

(प्रस्तुत आलेख 'जखन-तखन' पत्रिका मे प्रकाशित भेल अछि. मिथिमीडिया पाठक हेतु सामग्री साभार लेल गेल अछि.)
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