मिथिइवेंट: वेब पत्रकारिता ओ मैथिली विषयक संगोष्ठी


मिथिमीडिया द्वारा आयोजित संगोष्ठी सह कविगोष्ठी कार्यक्रम कइएक दृष्टिये महत्वपूर्ण रहल. रविदिन 23 नवंबर कें विद्यापति सदन, बागुइआटीमे कार्यक्रमक उदघाटन शिक्षाविद भोगेन्द्र झा कएलनि. मुख्य अतिथि रहथि मैथिली दैनिक मिथिला समाद केर संपादक तारा कान्त झा. भोगेन्द्र झा उदघाटन भाषण देइत कहलनि जे तकनीकक माध्यम सं समाज आ देश कें नब दिशा देल जा सकैत अछि. वेब केर माध्यम सं शीघ्र लोक धरि पहुँचब संभव भेल अछि. मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार-संपादक तारा कांत झा कहलनि जे पत्रकारकें जिम्मेदारीपूर्वक काज करय पडैत छैक. तकनीकक माध्यम सं पत्रकारिता करैत युवा लोकनि कें बेस सावधानी रखबाक चाही. एखनहु मिथिला समाज सभ किछु सहबाक स्थिति मे नै अछि. पत्रकार कें पाठक, समाज, देश आदि विविध बिन्दु कें धियान मे राखि काज करबाक चाही. मिथिमीडिया संपादक रूपेश त्योंथ वेब पत्रकारिता केर चुनौती व संभावना पर अपन बात रखलनि.


प्रखर आलोचक प्रफुल्ल कोलख्यान केर अध्यक्षतामे संगोष्ठी आयोजित भेल. संगोष्ठी मे भाभा इंस्टिट्यूटक राजभाषा अधिकारी भास्कर झा, युवा साहित्यकार चन्दन कुमार झा, शोधार्थी अनमोल झा विस्तार सं मैथिली पत्रकारिताक विषय मे आलेख पढलनि आ सय सालक इतिहास सहित पछिला एक दशक सं मैथिली वेब पत्रकारिता केर बढैत लोकप्रियता केर चर्चा केलनि. संगोष्ठीक अध्यक्षता करैत कवि-आलोचक प्रफुल्ल कोलख्यान मिथिलाक प्रखर बौद्धिकताक चर्चा करैत कहलनि जे अति महत्वाकांक्षा एहि अंचलक लोक कें संवेदनहीन बना देने अछि. ओ कहलनि हमरा लोकनिक भीतर अपन भाखा, अपन क्षेत्रक प्रति ओहन लगाओ नै अछि. हम सभ रोजी-रोटीमे एतेक ने व्यस्त छी जे एहि सभ पर धियान नै रहैत अछि. वेब पत्रकारिता एखन अलख जगओने अछि. अपार संभावना सं भरल एहि क्षेत्र मे बेसी सं बेसी काज होयबाक चाही.  संगोष्ठीक संचालन मिथिलेश कुमार झा केलनि.  


ज्ञात हो जे वेब पत्रकारिता विषयक पहिल संगोष्ठीक आयोजन भेल छल. मैथिलीक सन्दर्भ मे एहि तरहक संगोष्ठी एखन धरि नहि भेल छल. एहिमे वक्ता लोकनि वेब पत्रकारिताक इतिहास, मैथिली वेब पत्रकारिताक वर्त्तमान, भविष्य, एकर संभावना, मैथिलीक विभिन्न साइट तथा ओकर विषय-वस्तु, महत्व, तकनीक, जिम्मेवारी आदि विभिन्न पक्ष पर विस्तारसं चर्चा कएलनि. मैथिलीमे प्रिंट मीडिया, रेडिओ, टीभी चैनलक स्थित्ति तथा वेब पत्रकारिताक वैश्विक पहुँचकें देखैत मैथिलीक लेल एकरा बेसी महत्वाक बुझल गेल. संगहि एकरा सओख किंवा लौल पूर्तिक साधनाक बदला गंभीरतापूर्वक संचालन पर बल देल गेल.


दोसर सत्रमे कविगोष्ठी छल जाहिसं पूर्व अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक महासचिव रत्नेश्वर झा मैथिल अस्मिता, मिथिला राज्य, वेब पत्रकारिता आदिक सन्दर्भमे वक्तव्य रखलनि. रामलोचन ठाकुरक अध्यक्षता ओ गंगा झाक संचालनमे भेल कविगोष्ठीक आरम्भमे अशोक झा भोली चंद्रमणि ओ रूपेश त्योंथ रचित गीत सुनओलनि.  बिनय भूषण, राजीव रंजन मिश्र, रंजीत कुमार झा पप्पू, विजय इस्सर, कामेश्वर कमल, चन्दन कुमार झा आदि कवि लोकनि कविता पाठ सं  लोक मोन मोहि लेलनि. कविगोष्ठीक विशेषता रहल जे अधिकांश कविगण द्वारा कविता, गीत, गज़ल आदिक मनोरम ओ सस्वर पाठ भेल. अध्यक्ष रामलोचन ठाकुर केर आशीर्वचनसं कार्यक्रम शेष भेल. 


कार्यक्रममे नबोनारायण मिश्र, आमोद झा, अजय तिरहुतिया, रसिकजी, किरण झा, अंजना इस्सर, सोनू झा, देवीशंकर मिश्र, ललन झा, लखनपति झा, उमाकांत झा बक्शी, नवकांत झा, अजय झा, प्रकाश झा सहित भारी संख्यामे मैथिलजन उपस्थित छलाह.

मिथिइवेंट २०१४ केर समाद नेपालसं प्रकाशित गोरखापत्र, महानगरसं प्रकाशित मिथिला समाद सहित युवा शक्ति, सलाम दुनिया, भारतमित्र, दैनिक विश्वमित्र आदि अनेको दैनिक समाचारपत्रमे प्रमुखतासं प्रकाशित भेल. एकर संगहि वेब पर मिथिला मिरर, नव मिथिला ओ मिथिला प्राइम पर सेहो संगोष्ठीक समाद प्रकाशित भेल अछि.
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