श्री गोपाल : पहिल रिलीज भेल मैथिली फिल्म कन्यादान केर हीरो


पिछला दू-तीन बरख मे 'गामक घर' आ 'समानांतर' सन मीनिंगफुल सिनेमा सं कने हुकहुकी आयल अछि मैथिली सिनेमा कें, मुदा देखल जाए त' एखन धरि अपन बाट ताकि रहल अछि ओ जे केम्हर जाए. फिल्म ममता गाबय गीत केर प्रिंट आइ धरि कतहु उपलब्ध नै अछि जे दर्शक लोकनि देखि सकथि. कहल जा रहल अछि जे दूरदर्शन लग एकर प्रिंट छै. मैथिली सिनेमा लेल बड्ड समारोह, सेमिनार होइत अछि मुदा किनको चिंता नहि जे डीडी सं एकरा टेलीकास्ट कराबी.


एहि सिनेमा लेल की-की प्रपंच भेल से केदारनाथ चौधरी अपन पोथी आवारा नहितन मे लिखने छथि जे ओ की कारण छल जे आइ धरि ओ सिनेमा अन्हार में हेरा गेल अछि. फनी मजुमदार निर्देशित कन्यादान केर प्रिंट सेहो कतहु उपलब्ध नै छल. अनचोके एक दिन यूट्यूब पर ओ सिनेमा आएल त मैथिल दर्शक लोकनि ओकरा खूब देखलनि आ ओकर प्रचार-प्रसार सेहो केलनि. एक दिन मैथिली फिल्म सस्ता जिनगी महंग सेनुर केर अभिनेता ललितेश जी एकर नायक गोपाल जीक मादे कहलनि जे ओ हुनका चिन्है छथिन त हमर मोन मे जिज्ञासा भेल जे हुनका सं भेंट कएल जाए आ हुनकर साक्षात्कार कएल जाए. हम अपन मोनक बात कहलहुं ललितेश जी कें...ओ हुनक नंबर देलनि आ हम हुनका सं भेंटघाट कएल. ओ सबटा बात विस्तार सं बतौलनि जे कोना ओ कन्यादानक हीरो बनलाह!


ओहि समय मे सिनेमा मे काज करबाक इच्छा भेनाइ आ सिनेमाक दुनिया मे एनाहिए बड्ड पैघ बात. मुदा गयाक चाँद चौराक रहनिहार श्रीगोपाल एहि मामिला मे सौभाग्यशाली भेलाह जे हुनका बिहारक तीन भाखाक सिनेमा मे नायकक पाट निभेबाक सौभाग्य भेटल. मात्र दू बरखक संघर्षक बाद अपन जीवनक 20 बरख मे ओ हीरो बनि गेलाह. मगही फिल्म भैयाजी, मैथिली फिल्म कन्यादान आ भोजपुरी फिल्म नइहर छुटल जाए, ई तीनू सिनेमाक नायक रहलाह श्री गोपाल. श्री गोपाल मलाड वेस्ट मे चिन्चोली बन्दर इलाका  मे रहल छथि जतय ओ अपन यात्रा के बारे मे बतौलनि. आ कन्यादानक निर्माण नालंदा टॉकीज कोना कएलक एहि मादे सविस्तार सं बतौलनि.

अभिनेता बनबाक सपनाः
हम पटना यूनिवर्सिटीक ड्रामा कम्पीटीशन मे अभिनेताक रूप मे परफार्म करबाक लेल गेल रही. हमरा अभिनय देखि जज इब्राहिम अल्काजी हमरा कहलनि जे– तुम यहां क्या कर रहे हो? मुंबइ आओ.
 
ओ कहि त देलाह मुदा आ हम हीरो बनबाक सपना देख लगलहुं, मुदा मुंबइ जाएब त कोना जाएब त संगी सब टिकट कटेलक, सूट सीएलक आ हमरा 1962 मे गया सं मुंबइ भेजलक. मुंबइ एला पर प्रकाश स्टूडियो गेलहुं जतय  हमरा पता छल जे बिहारी मुंशी जीक आफिस अछि. जहानाबादक मुंशी जी जे ओहि समय सिनेमाक पैघ निर्माता छलाह. 

ओतए हम एकाउंटेंटक काज करए लगलहुं. ओहि समय मुंशीजीक लेल  फनी मजुमदार, अशोक कुमार आ  नलिनी जयवंत लेल फिल्म डायमंड हार्बर बना रहल छलाह. अपन हीरो बनबाक सपनाक मादे हम ककरो सं नै कहलहुं. फनी दा सं हम कहलियनि जे हम निर्देशन सीखए चाहैत छी आ हम हुनका अस्सिस्ट केनाइ  शुरू केलहुं. 

भोजपुरी सिनेमा सं शुरुआत 
एक दिन भोजपुरी सम्मेलनक समारोह मे कार्यक्रमक लेल हमरा सं संपर्क कएल गेल. हम वीर कुँवर सिंहक उपर आधारित  किछु  ड्रामाक सीन बनौलहुं. ओहि समारोहक बहुत पब्लिसिटी भेल. मुंबइ मे जगह-जगह ओकर पोस्टर लगाओल गेल. ताबे भोजपुरी फिल्म बनब शुरू भ गेल छल. ओहि  समारोह कें देखबाक लेल हिन्दी सिनेमाक निर्देशक पंकज पराशर जीक पिता निर्माता जे एन पराशर आएल रहथि. प्रोग्राम देखि ओ पेपर पर अपन नंबर लिखि भेट करबाक लेल कहलनि. भेट केला पर पराशर जी कहलनि  जे तुम मेरी भोजपुरी फिल्म के हीरो बनोगे आ नइहर छुटल जाए सिनेमाक मुहूर्त शाट भेल. स्टूडियो मे सबकें पता चलि गेल जे आब हम हीरो बनए जा रहल छी आ एहि तरहें भोजपुरी फिल्म सं हीरो रूप मे शुरुआत भेल.

मगही फिल्म भैया का निर्माण
नालंदा पिक्चर्सक मालिक मुंशी जी मगही भाषी छलाह ओ अपन भाखा मे सिनेमा बनब चाहै छलाह. फनी मजुमदार निर्देशक भेलाह. हम ताबे धरि भोजपुरी मे हीरो बनि चुकल रही आ मगही हमर भाषा छल त हमरा  सिनेमाक नायक बनाओल गेल विजय चौधरी हमर हीरोइन बनलीह. लता बोस हमर बहिनक किरदार निभौलनि. बिहारक कतेक जगह पर एकर  शूटिंग भेल, फिल्म खूब चलल.


कन्यादान बनेबाक योजना
रेणुजीक उपन्यास मैला आँचल हिन्दी साहित्य मे लोकप्रिय भ गेल छल. मुंशीजी ओहि पर फिल्म बनाबए चाहैत छलाह. निर्देशक फनी मजुमदार सं  बात भेल आ सहमति बनला पर नवेंदु घोष जी कें पटकथा लिखबा लेल  कहल गेल आ हमरा हीरो रूप मे कास्ट कएल गेल. फोटो शूट सेहो भेल.  उपन्यासक कैनवास बड्ड पैघ छल ताहि कारण सं राइटिंग मे अधिक समय देबाक जरूरति छलै. एहि मे देरी भ रहल छल त रेणु जी, मुंशी जी कें  कहलनि  जे अहाँ भोजपुरी मे फिल्म बनेलहुं, मगही मे सेहो फिल्म बनेलहुं   त किएक ने मैथिली मे सेहो एकटा फिल्म बनाबी. बात नीक लगलनि  मुंशी जी कें आ खोज शुरू भेल एकटा नीक कहानी केर. 

पता चलल जे हरिमोहन झा केर दूटा उपन्यास कन्यादान आ द्विरागमन बड्ड  लोकप्रिय अछि मिथिला समाज मे. आ एहि तरहें निर्णय लेल गेल जे ई दुनू  उपन्यास पर फिल्म बनाओल जाए मैथिली मे. नवेंदु घोष जीक पटकथा लेल  आ फनी मजुमदार कें निर्देशनक जिम्मा देल गेल. हम बिहार सं छलहुं आ ओकर नायक उपन्यास मे हिन्दी बजैत अछि त फनी दा हमरा हीरोक रोल देलनि. भैया जी मे हमर बहिनक किरदार लता बोस निभेने छलीह तिनका  एहि फिल्म में हीरोइन के रूप मे कास्ट कएल गेल.

शुटिंग केर यादगार क्षण
मिथिला मे एकर शुटिंग भेल आ किछु शुटिंग मुम्बइ मे सेहो भेल. चंद्रनाथ मिश्र अमर जी संवाद सीखेबाक लेल आएल छलाह. शुटिंग शुरू भेल. शुटिंग क मादे ओ कहैत छथि जे मिथिला मे एक जगह हम सब शूट क रहल छलहुं त एकटा महिला हमरा सबकें कहलनि जे भोजन भ गेलै? 'हा हो गया'. ओ महिला  कहलनि  जे  अगिला  दिन अहाँ सब गोटे हमरा ओहिठाम भोजन करब. की कही, अगिला दिन ओ हमरा सबकें मरुआ रोटी खुएलनि. अगिला  दिन हमरा आ  फनी दा कें  छोड़िकें  सबहक पेट खराब.

मैथिली संवाद बजनाइ
हिन्दी सिनेमाक फेमस कलाकार आ बिहारक नीक अभिनेता रामायण तिवारी जी कें लड़कीक बापक रोल देल गेल. मैथिली मे संवाद हुनका नै  बाजल होइन त ओ स्वयं ई किरदार कें नइ करबाक फैसला केलनि आ अमर जी हीरोइनक पिताक किरदार निभौलनि. मराठी अभिनेत्री दुलारी जी आ  हीरोइनक माँ जे कि बंगाली अभिनेत्री छली, दुनु गोटेक संवाद अदायगी बहुत सही रहनि. भाभीक किरदार मे चाँद उस्मानी बहुत नीक जकां मैथिली मे संवाद बजलनि.

कन्यादान फिल्म रीलीज
पटनाक वीणा सिनेमा मे ई फिल्म रीलीज भेल. वीणा सिनेमा हालक मालिक हीरा बाबू कन्यादानक फाइनेंसर छलाह. फिल्म कें  दर्शक  खूब  सराहलक. सी परमानन्दक मादे ओ कहैत छथि जे हमरा हुनका सं बड्ड नीक दोस्ती  छल  मुदा  ममता गाबय गीत लेल हुनका शुद्ध मैथिली उच्चारण मे सक्षम कलाकार चाही. ताहि कारणें  हम ओहि फिल्म मे काज नै क सकलहुं. मैला आँचल बनल  डाकदर बाबू / श्रीगोपाल जी कें हटा धर्मेन्द्र कें लेल गेल. 

एम्हर जखन मैला आँचल बनेबाक बात भेल त एहि बीच कि भेलै जे मुंशी जी कें पता चलल जे जहानाबाद मे हुनक किछु जमीन सब पर नक्सली सब  कब्ज़ा क लेलक त जमीन बचेबाक लेल ओ जहानाबाद चलि गेलाह. एम्हर  फणी दा केर फिल्म असफल होमए लागल. ओ हमरा सं कहलनि जे आब अहाँ  भोजपुरी फिल्म नै करू. हम अहाँ आ अपर्णा सेन संग हिन्दी फिल्म बनाएब. मुदा फणी दा केर ई सपना पूरा नै भ सकल. कतेको बरख बाद मुंशी जी एलाह आ फेर सं मैला आँचल पर फिल्म बनेबा लेल अग्रसर भेल. समय बदलि चुकल छल. फनी दा नै रहथि त पटकथा लेखक नवेंदु घोष कें  निर्देशन केर जिम्मेदारी देल गेल आ हमरा बदला धर्मेदं कें हीरो रूप मे कास्ट कयल गेल. फिल्मक शूटिंग शुरू भेल मुदा फिल्म एकटा फिक्शन नै भ डाक्यूमेंट्री बनि गेल. नवेंदु जी एतेक शूट केलखिन जे एडिट केनाइ मुश्किल भ गेलै. 

बाद मे श्री गोपाल जी कतेको भोजपुरी फिल्म सब मे हीरो बनलाह. मुदा हिन्दी सिनेमा सं सरोकार नै बनलनि. ओकर कारण ओ कहैत छथि जे हम  हीरो बनि गेल रही, छोट रोल नै करए चाहै छलहुं. परीक्षित साहनी–विधा सिन्हा आ हमर–रीता भादुड़ीक जोड़ी बनल फिल्म होनहार मे. हमर ई  फिल्म रीलीज भेला सं पहिने परीक्षित आ  विधाजीक किछु सिनेमा नै चलल जकर खामियाजा हमर फिल्म होनहार कें भुगतए पड़लै, होनहार रीलीज नै भ सकल. 

उपकार सिनेमा आ बिहार सरकारक रवैया
उपकार सफल भ चुकल छल आ सब राज्य ओकरा टैक्स फ्री केलक. हमरा  निर्माता कहलनि जे तुम बिहार जाओ और सरकार से बात करो कि उसे टैक्स फ्री किया जाए. हम  पटना एलहुं आ किछु दिन तक रुकलहुं. हमर  रहबाक-खेबाक सबटा इंतजाम निर्माता केलनि. दारोगा राय सीएम छलाह. हुनका सं बात भेल, ओ मानि गेलाह. हुनक कनिया कहलनि जे हम धरती कहे पुकार के फिल्म देखए चाहै छी सेहो अपन घर मे. आब कएल की जाए त हम हुनका घर मे फिल्म देखेबाक सबटा व्यवस्था केलहुं. दारोगा राय कहलनि जे- आप जाएं...आपको चिठ्ठी मिल जाएगी. हम खुश भ लौटलहुं. किछु दिन बाद चिठ्ठी आएल जे बिहारक वित्तीय व्यवस्था ठीक नहीं है इसलिए हम टैक्स फ्री नहीं कर पाएंगे. आब की कहू, हमर बड्ड बेइज्जती भेल. सब जगह टैक्स फ्री रहै, पता नै बिहार कें की भ गेलै. बिहारक सिनेमाक प्रति हमेशा एप्रोच नकारात्मके रहल. तैं अपन राज्यक सिनेमाक हाल देखियौ.

— जितेन्द्र नाथ जीतू

जीतू जी मैथिली रंगमंच मे सक्रिय रहल छथि. बॉलीवुड मे लेखन आ निर्देशन कार्य सं जुड़ल छथि. साहित्य मे अभिरुचि छनि, हिनक मैथिली कहानी ओ लेख पत्र-पत्रिकादि मे प्रकाशित होइत रहैत अछि.
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