विज्ञानक प्रचार-प्रसार मैथिली सन भाषा मे हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केलनि आह्वान!

बिहार एहन प्रान्त मे सं अछि जे अप्पन भाषा-संस्कृति कें समाप्त करबाक ब्यूह रचैत रहल. संवैधानिक मान्यता प्राप्त भाषा मैथिलीक जेहन दुर्दशा बिहार मे सरकारी स्तर पर भेल अछि तेहन दोसर उदाहरण नै भेटत. पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल मे एक-दू जिलाक भाषा नेपाली छै, तथापि शिक्षा बोर्ड सं ल' ओ सभ बात-व्यवहार लेल राज्य सरकार इंतजाम केने अछि जे बांग्ला लेल कएल गेल अछि.

एतबे नै, छत्तीसगढ़ी एखन धरि मान्य भाषा नै अछि तथापि छत्तीसगढ़ राज्य बनने छत्तीसगढ़ी कें राजभाषाक दर्जा भेटल छै. ओतहि मैथिली कें संविधान मान्यताक बादो बिहार सरकार से दर्जा नै देलक अछि, संगहि भाषा कें तोड़बाक कुचक्र सेहो चलि रहल अछि. मुख्यमंत्री नीतीश कुमारक मैथिली बजने स्थिति बदलत से आस करब मूर्खता!

ओम्हर मातृभूमि (गुजरात) आ मातृभाषा (गुजराती) प्रति अगाध श्रद्धा रखनिहार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय भाषा हिन्दी सहित अन्यान्य भारतीय भाषा हेतु स्पष्ट दृष्टि रखैत छथि. प्रधानमंत्री कोलकाता मे आयोजित भौतिकशास्त्री प्रोफेसर सत्येंद्र नाथ बोस केर 125म जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम मे बजलाह से ज्ञान-विज्ञान केर प्रचार-प्रसार लेल स्थानीय भाषाक इस्तेमाल आवश्यक अछि.

प्रधानमंत्री कहलनि अछि जे युवा लोकनि मे विज्ञानक प्रति लगाओ विकसित करबाक लेल देसी भाषा मे प्रचार-प्रसार करबाक चाही. एहि कार्य मे भाषा रुकावट नै, सहायक होइ छै. प्रधानमंत्री वैज्ञानिक लोकनि सं अपील केलनि जे ओ आम लोक लेल आवश्यक प्रोजेक्ट सभ करथि.

ओना मैथिली भाषा मे विज्ञान आ तकनीक विषयक लेखन नै जकां अछि. मुदा सरकार जओं सहयोगी होअय त' ई काज संभव छै. ओहुना दीर्घकाल सं बिहार मे प्राथमिक स्तर पर शिक्षाक माध्यम मैथिली करबाक मांग कएल जा रहल अछि. मुदा बिहारे सरकार अछि, संविधान आ न्यायालय कें सेहो नै गुदानइए त' आओर विशेष की कहल जाए.  

जखन कि देखल गेल अछि जे प्रधानमंत्री मिथिला क्षेत्र वा बिहार मे अपन दौरा सभक दौरान मैथिली बजबा सं नै चुकैत छथि.


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