Bindeshwar Pathak Biography: वाल्मीकि समाज कें पारंपरिक सामाजिक कुप्रथा सं मुक्त करा ओकरा समाजक मुख्यधारा मे जोड़यबला मिथिलापुत्र डॉ बिन्देश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak) अपन स्वच्छताक विचार कें अन्वेषणपरक विधि सं संस्थाक रूप देलनि. वैशाली जिलाक रामपुर बघेल गामक ब्राह्मण परिवार मे जनमल डॉ पाठक एक जीवन एक मिशन केर सारगर्भित बाट पर आगां बढ़लाह आ स्वच्छताक प्रतीक बनि आमजन कें सुलभ कॉम्प्लेक्स केर सुविधा उपलब्ध करओलनि.
लोकसभक उपहासक मध्य बिन्देश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak) ओहि दौर मे अपन अभियान प्रारंभ कएलनि जाहि समय मे शौचालय सन विषय पर काज करब कठिन छल. ई हुनक प्रतिबद्धते कहल जाए जे ओ वाल्मीकि समाज कें सामाजिक सम्मान दिएबाक वास्ते अपन सम्पूर्ण जीवन भंगी मुक्ति अभियान मे लगा देलनि.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधीक स्वच्छताक विचार कें संस्थागत समाधान देबा मे बिन्देश्वर पाठक केर अतुलनीय योगदान अछि. स्वच्छताक प्रति हुनक खोजपरक विचारक परिणामस्वरूप 5 मार्च 1970 कें सुलभ शौचालय संस्थान अस्तित्व मे आएल जे वर्तमान मे विश्व भरि मे सुलभ इन्टरनेशनल (Sulabh International) सोशल सर्विस आर्गेनाइजेशन केर नाम सं विख्यात अछि. सुलभ आन्दोलनक माध्यम सं पाठक सुलभ शौचालयक कतेको मॉडल सोझां अनलनि जकर परिणामस्वरूप देशक कोन-कोन मे सुलभ शौचालय कॉम्प्लेक्सक उपस्थिति देखल जा रहल अछि.
डॉ. पाठकक श्रमक प्रति गरिमापूर्ण आदर वर्तमान युवा पीढ़ीक लेल प्रेरणापुंज अछि. कम संसाधन आ कम पूंजी मे अपना ओ एतेक पैघ मिशनक नींव रखलनि. जकर उद्देश्य साफ-सफाइ, मानवाधिकार, सामाजिक सुधार, पर्यावरण स्वच्छता आ उर्जा क गैर-पारंपरिक स्रोतक लेल अवशिष्ट प्रबंधन कें बढाबा देबाक अछि जे विकासशील देश मे स्वच्छताक पर्याय बना गेल अछि.
2 अप्रील 1943 कें जनमल बिन्देश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak) केर प्रारंभिक शिक्षा गाम मे भेलनि. बाद मे ओ पटना आबि गेलाह. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय सं समाजशास्त्र मे स्नातक कएलाक बाद शिक्षक बनि गेलाह. तदुपरांत पटना विश्वविद्यालय सं स्नातकोत्तर, पी-एचडी आ डी-लिट् केर उपाधि लेलनि. 1948 मे गांधी जन्म शताब्दी समारोह समिति मे एक सामान्य कार्यकर्ताक रूप मे जुड़ि गेलाह. समिति एकटा प्रकोष्ठ केर गठन कएलक जकर उद्देश्य छल माथ पर मल उघबाक अमानवीय काज सं मुक्त करा वाल्मीकि समाज कें सम्मान आपस दिआएब.
एकर बाद बिन्देश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak) बेतिया शहर मे वाल्मीकि समाज केर गाम मे हुनक सामाजिक स्थिति केर अध्ययन करए गेलाह. ओहि ठामक स्थिति सं मर्माहत भ' माथ पर मल उघबाक कुप्रथाक विकल्प खोजए लगलाह. एहि मध्य दू खाधिवला जलप्रवाही शौचालयक आविष्कार कएलनि. आ एहि क्रम मे सुलभ शौचालय संस्थान अस्तित्व मे आएल. डॉ पाठक पांच सए टाकाक खर्च सं पहिल शौचालय आरा नगर निगम परिसर मे बनओलनि. एहि नव अन्वेषणक परिणाम अछि जे देश भरि मे दस हजार सं बेसी सुलभ परिसरक विविध मॉडल स्थापित अछि जकर उपयोग प्रतिदिन दू करोड़ सं बेसी लोक क' रहल छथि.
स्वच्छता आ स्वास्थ्यक संगहि डॉ पाठक सामाजिक क्षेत्र मे सेहो सक्रिय भेलाह. वाल्मीकि समाज मे शिक्षाक प्रसार लेल सुलभ पब्लिक स्कूल आ युवा कें रोजगारोन्मुख शिक्षा लेल सुलभ आइटीआइ केर स्थापना सेहो कएलनि. राजस्थान अलवर आ टोंक शहर मे पैघ संख्या मे मल उघएबला परिवार कें एहि कुप्रथा सं मुक्त करा रोजगारपरक प्रशिक्षण दिआओल. राजस्थानक मल उघएबाली उषा चौमर सुलभ केर सहयोग सं अलवर मे स्वच्छताक अलख जगौलनि आ हुनका पद्मश्री सं सम्मानित कएल गेलनि.
वृन्दावन आ वाराणसी मे परित्यक्त महिला सभक देखभाल लेल कतेको प्रकल्प प्रारंभ कयलनि. युवा विधवा सभ कें पुनर्विवाह करबा अपन सामाजिक दायित्वक निर्वाह सेहो कएल. 1992 मे दिल्ली मे शौचालय आ शौचक्रिया आधारित संग्रहालय सुलभ टॉयलेट म्यूजियमक निर्माण करौलनि जकरा देखबाक लेल विश्व भरि सं लोक अबैत अछि.
स्वच्छता दूत बिन्देश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak) विषम परिस्थिति मे काज प्रारंभ करैत ओकरा परिणिति धरि पहुंचौलनि, ओकर संज्ञान लेल गेल. हुनक सामाजिक सुधार आन्दोलनक परिणाम छल जे संयुक्त राष्ट्र संघ 19 नवम्बर 2013 कें वर्ल्ड टॉयलेट डे रूप मे मान्यता देलक. सुलभ कें अन्तर्राष्ट्रीय गौरव तखन भेटल जखन संयुक्त राष्ट्र संघ केर आर्थिक आ सामाजिक परिषद् सुलभ कें विशेष सलाहकार केर दर्जा देलक. विश्वक कतेको देश हुनक स्वच्छता तकनीकि कें मान्यता देलक. हुनक विशिष्ट सामाजिक योगदानक वास्ते 1991 मे देशक सर्वोच्च सम्मान पद्मभूषण सं सेहो सम्मानित कएल गेलनि.
एकर अतिरिक्त कतेको आन पुरस्कार आ सम्मान सं डा पाठक सम्मानित भेलाह. जाहि मे ग्लोबल 500 रोल आफ आनर (2003), स्टाकहोम वाटर पुरस्कार (2009), लीजेंड आफ प्लानेट (फ्रांसीसी सीनेट 2013), सरदार पटेल अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार (2014), इण्डियन अफेयर्स सोशल रिफार्मर आफ द ईयर (2017), लाल बहादुर राष्ट्रीय पुरस्कार (2017), निक्केइ एशिया पुरस्कार (जापान 2018) आदि प्रमुख अछि. न्यूयार्क शहरक मेयर बिल डी ब्लामियो 14 अप्रैल 2016 कें बिन्देश्वर पाठक दिवस घोषित कयलनि. डॉ पाठक भारतीय रेलवे स्वच्छ रेल मिशनक ब्रांड एम्बेसडर सेहो छलाह. ओ कतेको पोथी लिखलनि जाहि मे रोड टू फ्रीडम प्रमुख अछि. एकर अतिरिक्त विश्व भरि मे स्वच्छ, स्वास्थ्य आ सामाजिक प्रगति पर शोध पत्र सेहो पढलनि.
सामाजिक उन्नति आ वंचित समाज कें सशक्त बनाबय लेल पैघ स्तर पर काज कयनिहार मिथिलाक स्वच्छता प्रहरी डॉ बिन्देश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak) 15 अगस्त 2023 कें स्मृति शेष भ' गेलाह मुदा भंगी मुक्तिक प्रतीक डॉ पाठक अपन सामाजिक आंदोलन हेतु चिर स्मरणीय रहताह.
— नवेन्दु कुमार झा
(प्रस्तुत आलेख 'घर-बाहर' पत्रिका मे प्रकाशित भेल अछि. मिथिमीडिया पाठक हेतु सामग्री एतय साभार लेल गेल अछि.)