मैथिली कविता: तीन रंग केर झंडा नेने

तीन रंग केर झंडा नेने
नेना इसकूल जाइए
हिन्द देश केर जयकारा सं
धरती-मेघ जुड़ाइए

चल भजार तों हमरा संगे
माहटर झंडा फहरेतै
देतै फेरो मुंगवा सभ कें
लगा सोहारी सब खेतै

काल्हि सं फेरो नूनेक आशा
भूखल नेना ठुनकओतै
कहिया पूरत से अभिलाषा
जन-गण कहिया बिहुंसओतै?

गोरका भागल भाग ने जागल
हक्कन कानब रहि गेलै
बड़का-बड़का भाषण सुनि क'
कान सभक पाथर भेलै

— रूपेश त्योंथ

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