जगदम्बाक आराधना हेतु गीतक गंगाजल

नव दिल्ली. दुर्गा पूजा केर शुभ पावन अवसर पर नीलम कैसेट कम्पनी 'जगदम्बा भवानी के रूप अनेक' नामक एमपी.-३ ल' क' बजार में आबि गेल अछि आ समस्त मिथिला मे उपलब्ध अछि. एहि मे करीब तीस टा स' बेसी नव गीतक संकलन अछि जाहि मे अपन सुमधुर स्वर देलनि अछि नवोदित युवा गायक किशुन भारद्वाज, कमलेश कमल आ मिथिला मे रफ़ी नाम स' चर्चित गायक प्रेम सागर. गीतक चयन वर्तमान जुगक पसन्द आ माँग केर हिसाब स' कयल गेल अछि. एकर संगीत निर्देशन केलनि अछि अखिलेश कुमार आ सह संगीत संयोजन अनिल आनन्द. ओना त' सबटा गीत एक स' बढि क' एक अछि मुदा किछु ख़ास आकर्षित कर'बला गीत जे कि सुनलाक बाद श्रोता लोकनि कें मंत्रमुग्ध क' देइत अछि. किशुन भारद्वाजक स्वर मे- "दरभंगा मे श्यामा बिराजे", "रूप लागै छौ तोहर अनेक","दिय' ने ललनमा हे माँ", "बड़ दुःख होइए मैया", कोना क' करब माँ विदाइ हे", कमलेश कमल केर स्वर मे-"गे मैया रूप तोहर अनेक", "लाले चुनरी लाले अंचरी", "आनी मानी हम नै जानी" आ प्रेम सागरक स्वर मे-"चलू -चलू माँ के दरबार","पूजन करै छी माँ अर्चन करै छी", "हमही कियै बकलेल गै माँ" आदि गीत केर वास्ते अपन सशक्त लेखनीक परिचय देइत गीत लिखलनि अछि- अशोक चंचल,शैलेन्द्र झा, नवीन मिश्रा, मनीष झा "बौआभाइ", राधा सागर, सतीश झा, बौआ झा, डा.मोहन कमल, श्रवण झा आदि.  
(Report:  मिथिमीडिया ब्यूरो)
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