अंतरजातीय विवाह मामिला: राज्यभरि मे दड़िभंगा टॉप पर, पटना पछुआएल


राज्य मे अंतरजातीय विवाह केर नबका ट्रेंड सोझां आएल अछि. बीतल दू वित्तीय वर्ष केर ट्रेंड सं पता चलैत अछि जे दड़िभंगा जिला मे अंतरजातीय विवाह केर मामिला लगातार बढ़ल जा रहल अछि. अवस्था एहन अछि जे पहिने पटना टॉप पर छल मुदा आब दड़िभंगा राज्यभरि मे एहन विवाह मामिला में सबसं आगू देखबा मे अबैत अछि.

आंकड़ा देखि स्पष्ट अछि जे वर्ष 2018-19 मे जतए दड़िभंगा मे एको गोट मामिला दर्ज नै कएल गेल छल, ओतहि 2019-20 मे अचक्के ई संख्या 27 पर पहुंचि गेल अछि. ई संख्या राज्यक 38 जिला मे सबसं बेसी अछि. दोसर दिस राजधानी पटनाक बात करी त' 2018-19 मे 21टा अंतरजातीय विवाह भेल छलैक, मुदा 2019-20 मे ई संख्या कम भ' 16 पर चलि गेल अछि.

अंतरजातीय विवाह केर चलन बेस तेजी सं बढल जा रहल अछि. सम्पूर्ण बिहार मे एक सालक भीतर अंतरजातीय विवाहक संख्या 128 सं 263 पर पहुंचि गेल अछि. मिथिलाक मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, बेगूसराय, भागलपुर आदि जिला मे एहन विवाहक मामिला मे बेस तेजी देखल गेल अछि. एहि ठाम पंजीकृत भेल संख्या बताओल गेल अछि. बहुत रास एहन मामिला सामाजिक स्तर पर रहि जाइ छै. सबटा मिला देल जाइ त' एकटा विशाल आंकड़ा सोझां आबि सकैछ.

ज्ञात हो जे अंतरजातीय विवाहक एकटा कारण प्रेम-प्रसंग त' छै, एकर अतिरिक्त अंतरजातीय विवाह लेल बिहार सरकार सेहो प्रोत्साहन योजना चलओने अछि. 'अंतरजातीय विवाह योजना' अनुसार कोनो नव विवाहित दंपत्ति मे सं एकटा सवर्ण आ दोसर अनुसूचित जाति सं रहैत अछि त' ओकरा आर्थिक मदति सेहो देल जेबाक प्रावधान छै. जातिवाद आ दहेज प्रथा पर चोट करबाक लेल सरकार ई शुरू केने अछि. कुल मिला क' अंतरजातीय विवाहक संख्या बढ़ल जा रहल अछि.

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