माए, माएभाखा ओ 'बिछड़ल कोनो पिरीत जकां' केर विमोचन पर्व

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एहन बड्ड कम होइ छै जे साहित्यिक लोकनि एतेक संख्या मे सहज रूपें एकठाम जुटथि. मुदा बिछड़ल सबटा पिरीत एक्के बेर समेटबा मे सफल रहलाह कवि 'विद्यानंद झा'. अवसर छल कविक दोसर कितापक विमोचनक. कितापक विमोचन कवि माए हाथे भेल, जेना नियार छल. कलकत्ताक साहित्यिक लोकनि माय आ मातृभाषाक मान मे एकठाम जुटलाह आ मैथिली कविताक रसधार बहल.

ई निश्चय पिरीतक परात जकां छल, जाहि मे लगभग दू दर्जन मैथिली कवि विमोचन पर्व पर जुटल छलाह.

विमोचन रवि 3 फरवरी कें कवि विद्यानंद झा केर निवास जोका मे आयोजित कएल गेल छल. एहि अवसर पर हिनक दोसर किताप 'बिछड़ल कोनो पिरीत जकां' केर विमोचन हुनक माए हाथे संपन्न भेल. तकर बाद कवि लोकनि काव्यपाठ केलनि. कार्यक्रमक अध्यक्षता सुधीर कुमार झा केलनि. एहि विशेष आयोजन मे कवि विद्यानंद झा अपन नबका विमोचित पोथी मे सं कविता सब सुनओलनि.


ज्ञात हो जे कविता पोथी 'बिछड़ल कोनो पिरीत जकां' अंतिका प्रकाशन सं बहार भेल अछि. कविक पहिल कविता पोथी 'पराती जकां' साहित्य अकादेमी (नवलेखन योजना) सं प्रकाशित भेल छलनि. बीतल किछु साल सं कविक नबका संग्रह केर प्रतीक्षा कएल जा रहल छल से पूर्ति भेल.

विमोचन कार्यक्रम मे साहित्यिक 'श्याम दरिहरे' विशेष पाहुन रूपें उपस्थित छलाह. संगहि महानगरक वरिष्ठ कवि रामलोचन ठाकुर, लक्ष्मण झा सागर, योगेन्द्र पाठक वियोगी, चंदन कुमार झा, भोली बाबा, बिनय भूषण, अनमोल झा, आमोद झा, अंजय चौधरी, नबोनारायण मिश्र, विजय इस्सर, किरण इस्सर, अमरनाथ भारती, अशोक झा, लखनपति झा, मिथिलेश कुमार झा, राजीव रंजन मिश्र, कामेश्वर कमल, संजय ठाकुर सहित कइएक गोटे उपस्थित भेलाह.

जानकारी हो कि विमोचित पोथी अमेजन पर सेहो उपलब्ध अछि, जे अपने लोकनि घर बैसल मंगा सकै छी.
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