'श्री मिथिला' केर टटका अंक अछि रुचिकर

कलकत्ता. वाणिज्यिक, औद्योगिक एवं सर्वांगीण उन्नयनार्थ मैथिली मासिक अपन प्रकाशनक दशम वर्ष मे अछि. एकर विषय-वस्तु एकरा विशिष्ट बनबैत छैक. आर्थिक चिंतन आ शोधपरक आलेख आदि सं ई मैथिली प्रकाशनक क्षेत्र मे अपन स्थान सुरक्षित करैत अछि. सम्पादक महेंद्र हजारी केर साधना आ समर्पण सं 'श्री मिथिला' एक दशक सं अनियमित रूपें पाठकक हाथ अबैत अछि. मिथिला चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, कोलकाता केर मुखपत्र रूपें बहराइत ई पत्रिका आर्थिक आलेख आदि कें प्राथमिकता सं प्रकाशित करैत अछि संगहि साहित्यिक रचना सेहो रहैत अछि, जे पाठक कें जोड़ने रहैत अछि. एम्हर आबि मिथिला चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज केर सदस्य लोकनि एकरा नियमित करबा हेतु साकांक्ष छथि, जे शुभ संकेत अछि.
टटका अंक दशम वर्षक दोसर अंक अछि जे अगस्त-अक्टूबर २०१२ समयावधिक अछि. एहि मे मिथिला चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज केर नव कार्यकारिणी केर जनतब देल गेल अछि. संगहि गंगा प्रसाद झा, महेंद्र हजारी, सुरेन्द्र झा, लालटुना झा केर आलेख रुचिकर अछि. एस. एन. सत्यार्थी केर पुरातत्व आ डॉ. प्रफुल्ल कुमार सिंह 'मौन' केर पर्यटन पर आलेख बेस उपयोगी आ ज्ञानवर्धक अछि. सुशील केर कथा ओ पंकज चौधरी 'नवलश्री', राजीव रंजन तथा चन्दन कुमार झा केर कविता-गजल सं अंक समृद्ध अछि. पाठक हेतु प्रचूर सामग्री अछि 'श्री मिथिला' केर टटका अंक मे.
(मिथिमीडिया डेस्क)  

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