KB SERIES #7: काक बोली आ कुकुर चालि

गाछी स्कूल मे एखन ओहिना विद्यार्थी सभ कम्मे अबैत छैक. जाड़क प्रकोप बढ़ि गेला सं नेन्नो-भुटका सभ कें ओढ़ने तऽर मे किताब उनटएबा मे मोन लगैत छैक.

मास्टरो तऽ सैह चाहैत अछि. जतेक कम विद्यार्थी आओत ततेक जल्दी छुट्टी देबय मे सुविधा होयतैक. एहन समय मे जँ स्कूलक भवन दुरुस्तो रहैत छैक तऽ मास्टर सभ बाहरे, रौद मे विद्यार्थी सभ केँ पढ़बैत रहैत छैक.

जमाना कतय सँ कतय भागि गेल मुदा एखनहुँ गाछीक स्कूल सभ मे विद्यार्थी सभ केँ बोरे पर बैसय पड़ैत छैक. ओना हमरा गामक स्कूलक भवन नव अछि एखन.

हम आ खुरचन भाइ गाछीए दिस टहलैत छलहुँ आ टहलैत-टहलैत स्कूल लग पहुँचि गेल छलहुँ. मास्टर साहेब तखन टांग पर टांग धऽ बेस मस्त भेल रौद तापि रहल छलाह आ बच्चा सभ आपस मे झोटा-झोटौवलि कऽ रहल छल.

पढ़त की कप्पार!

खुरचन भाइ संगे छलाह आ एहि पर चर्चा नहि होअय तेहन तऽ भइये नहि सकैत अछि. से भाइ बेल तऽरक ढिमकी पर बैस रहलाह आ हमरो बैसबाक लेल इशारा कयलनि.

ढिमकी पर रौद आबि रहल छल आ बेस सोहनगर लगैत छल. संगहि ओहि ठाम सँ स्कूल सोझे देखा रहल छल. ओम्हर देखलहुँ तऽ दूटा बच्चा लड़ि लेलक आ कनैत-कनैत मास्टर लग मे जा उपराग देलक. मास्टरक निन्न खुजि गेल आ ओ जोर सँ डपटलक दुनू बच्चा केँ आ दुनू अपन-अपन सीट पर जा बैसि रहल. पुनः मास्टर निन्न मारय लागल.

खुरचन भाइ कहलनि, देखैत छियैक...गुरु निन्न मे अछि तऽ बच्चा सभ मारि नहि करत तऽ की? सभ सूतल अछि आ बच्चा सभक भविष्य अन्हारक गर्त मे जा रहलय. एक तऽ एहि पॉंच कक्षाक स्कूल मे एकटा मास्टर ओहो निनिया डिग्री लेने अछि.

गाम मे नेता कहबय बला बड्ड लोक अछि मुदा झगड़य सँ ककरो फुरसतिये नहि छैक जे एम्हरो ध्यान देत. हमर सभक गुरुजी तेना कऽ सीखओने रहथि जे एखनहुँ ओहिना याद अछि, काक बोली आ कुकुर चालि. रखने रही एकरा टालि!

— नवकृष्ण ऐहिक


मैथिली दैनिक 'मिथिला समाद' मे अगस्त 2008 सं दिसम्बर 2009 धरि दैनिक रूपें प्रकाशित धारावाहिक व्यंग्य 'खुरचनभाइक कछमच्छी' केर एक अंश. ज्ञात हो जे रूपेश त्योंथ अखबारक एहि लोकप्रिय कॉलम लिखबाक हेतु छद्म नाम 'नवकृष्ण ऐहिक' केर प्रयोग केने छलाह. 


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