मिथिला मे धुरखेल, सब गोटे कें #हैप्पीहोरी!

दुनिया भरि मे होरी पावनि धूमधाम संग मनाओल जा रहल अछि. नेना-भुटका मे भोरे सं रंग खेलेबाक उत्साह देखल जा रहल अछि. आजुक दिवसक इंतज़ार सबकें रहैत छै. आइ विशेष क' किशोर-युवा कें थोड़-बहुत एम्हर-ओम्हर केनहुं राग-उपराग नै देल जेतै आ तैं ई पावनि धुरखेल सेहो कहल गेल अछि. हुड़दंग एकरत्ती कम हो, तकर खियाल रहए बस. खाउ-पीबू, नाचू-गाउ, कारण होरी छै!

होरीक अवसर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित राज्यक मुख्यमंत्री सेहो नागरिक कें शुभकामना देलनि अछि. सब समाज, धर्मक लोक सब आइ अतिरिक्त उत्साह मे देखल जा सकैत छथि, कारण ई परब आब सब धर्म, सब देशक लोक मनबैत छथि. ई समरसता, नेह-सिनेहक पावनि अछि.

एतबे नै दुनियाक नमहर-नमहर तकनीकी व व्यावसायिक कम्पनी सहित सरकार प्रमुख दिस सं होरीक शुभकामना देल गेल अछि. Google एहि अवसर पर विशेष Doodle बनओलक अछि.

अवध, बिरज केर होरी जकां मिथिलाक होरी सेहो जगप्रसिद्ध अछि. एतबे नै मिथिलाक होरी आध्यात्मिक रूप सं सेहो विशेष महत्व रखैत अछि. जनकपुरक होरी देखबा योग्य रहैत अछि त' एहि पार मिथिला मे शिव-पार्वती, राम-जानकी होरी प्रसंग केर गीत सहित राधा-कृष्ण पर आधारित गीत सब सं वातावरण संगीतमय ओ खुशहाल रहैत अछि.



कहल जाइत अछि जे होलिकादहन मिथिला मे भेल छल. ई स्थान पुरनिया (पूर्णियां) जिलाक बनमनखी प्रखंडक सिकलीगढ़ मे एखनो विराजमान अछि, जतए होलिका प्रहलाद कें अपन कोरा मे ल' चिता पर बैसल छलीह आ भगवान नरसिंहक कारण प्रहलाद त' बचि गेलाह मुदा होलिकाक दाह भ' गेल.

मिथिला मे धुरखेलक एक दिन पहिने होलिकादहन होइछ, जकरा सम्मत कहल जाइछ. मिथिला मे प्राकृतिक रंग-अबीर आ माटि सं होरी खेलेबाक परंपरा रहल अछि. एहि दिन भगवती कें पातरि सेहो देल जाइछ. लोक ढोलक-झालि ल' गीत गबैत गाम घूमैत छथि.

विशेष जे खूब खाउ, खूब खेलाउ, हंसू-गाउ मुदा एकरत्ती सावधानी राखी. नशा आ फुहड़ता, अश्लील गान-बजान सं फटकी रही. वसंत कें आनंद लेइत सब गोटे कें #हैप्पीहोरी.

रूपेश त्योंथ केर किछु चरिपतिया संग #सबकेंमुंगबा

(1)
आम गाछ पर कोइली कुहुकै
पवन कहै संदेश 
फागुन मे संग होरी खेलए
पाहुन अओताह देश

(2)
होरी मे सभ रंग-बिरंगे
छेदीक धोती लाल 
भांग पीबि भकुएलै छौड़ा
ललिया फेकै जाल

(3)
आगि लेसै छौ मुसकी तोहर
अन्हर अनौ आंखि
मनमा बुलए संगे तोहर
लगा नेह केर पांखि

(4)
माए जसोदा उठबै कान्हा
क' बहुविध तंग 
निश्चिंती छै घोड़ा बेचि
सुतल अछि चितंग

(5)
करिया भागल जमुना दिस क'
क' रधिया कें संग 
होरी एलै, होरी एलै 
मचा रहल हुडदंग

(6)
नाचै मनमा बिहुंसै ठोर 
पाबनि दिन छै आइ
गाछ बैसि क' कोइली गाबै
अओतै मोर कस्साइ

(7)
मोन पड़ै छी अहीं सजनी 
नै भ' रहलए नीन
प्रेमक बदला प्रेम सधबियौ 
नेने छलियै रीन

(8)
मोनहि पर अंकित अनमन
जेहन तोहर रूप
तोरा सं क' भेंट बिजुरिया
हीय भेल हम्मर सूप

(9)
टाट टुटतै, फट्टक टुटतै
संग भौजी घीचा-तीर 
रंग रभस हुड़दंग चहुंदिस
चकमक रंग-अबीर

(10)
नेह भरल पिचकारी नेने 
सभतरि हुलकल जाइ छै 
देह भिजओलक हमर सरधुआ 
कनियो ने लजाइ छै

(11)
बिनु अपराधे पढ़ने जाइए 
बिक्खिन बिक्खिन गाइर 
की करियौ किछु कहलो जाए ने
सुन्नरि भैयाक साइर


अद्यतित 21.03.2019 (होरी दिन)
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