त्योंथ केर कविता 'समय-समय केर बात छै'

गाछ बिरिछ सभ ठाढ़े ओहिना 
ओहिना डोलैत पात छै 
बीच बैसि जे करै पंचइती 
से भ' गेल आइ कात छै 
समय-समय केर बात छै मीता 
समय-समय केर बात छै

स्वप्न देखौलक ढौए ढाकी 
से गिना रहल आइ लाथ छै 
मुक्का अपनहि छाती पटकी
'अच्छे' दिनक ई प्रात छै 
समय-समय केर बात छै मीता 
समय-समय केर बात छै

नोन महग भेल चिन्नी सस्त 
भ' गेल दीन अनाथ छै 
नुका रहल अछि हरखा कत्तहु 
कानन पर भोज-भात छै 
समय-समय केर बात छै मीता 
समय-समय केर बात छै

पेट खर ने सिंग मे तेल 
भत्थन उक्खरि-जांत छै
लक्ष्य एक बस सत्ता सुख 
की दीदी की करात छै 
समय-समय केर बात छै मीता 
समय-समय केर बात छै

परपंचक पंडित सभ बैसल 
गड़बैत घोटाला केर दांत छै 
बिरहा देतै देश लगैए 
चोर साउध समिलात छै 
समय-समय केर बात छै मीता 
समय-समय केर बात छै

परशासन दुःशासन भेलै 
फूजल खुनिया बरदक नाथ छै 
अधिकारक जे बात करैए 
खाइत दनादन लात छै 
समय-समय केर बात छै मीता 
समय-समय केर बात छै

— रूपेश त्योंथ

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