खट्टरकका कें सुमिरन करैत कथा 'कॉर्नफ्लेक्स आ दही'


नॉर्वे मे रहैत छथि डॉक्टर साहेब प्रवीण झा 'वामागांधी. सोशल मीडिया पर अपन लेखनीक जादो सं लोक कें खूब आकृष्ट करैत छथि. हम अपने हिनक पोस्ट सबहक व्यसनी भ' गेल छी. ओ पोस्ट सभ बेसी भाग हिन्दी मे रहैत अछि. टूकटाक मैथिली पोस्ट सेहो देखबा मे अबैत अछि. एमहर आबि ज्ञात भेल जे ई सुअदगर व्यंग्य लिखैत छथि मैथिली मे. जनतब दी जे ई 'वामागांधी' उपनाम संग आएल हिंदी पोथी 'चमनलाल की डायरी' सं खूब चर्चा बटोरने छलाह. आशा अछि जे हमरा लोकनि कें हिनक मैथिली लेख ओ कथादि बरमहल पढबा लेल भेटत. – संपादक

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'काल्हि हमरा किछु विलंब होएत. स्टेशन जयबाक अछि.' 

'बाबूजी अबैत छथि?'

'नहि! भागलपुर सँ चूड़ा. पाँचहि बजे भोरे ट्रेन आओत. पैन्ट्रीबला कें दिया आबि जाइत अछि.'

'औजी! हद्द करइत छी. इडली-डोसा सनक सुपाच्य जलखइ छोड़ि गरिष्ठ भागलपुरी चूड़ा?'

'मुदा ओ दही-चीनी संग सानब संभव नहि.'

'साँभरक आगू दही-चीनी के' की औचित्य?'

'साँभर सँ चित्त शांत कोना होयत? सबटा उत्तेजक पदार्थ घोरि बीच मे मुनिगा!'

'नहि! अहाँ कें भ्रम अछि. मुनिगाक 'फाइबर' पाचक-तंत्र लय सर्वोत्तम.'

'से ठीके. मुदा हम चित्तक शांति कहि रहल छी, उदरक नहि.'

'चूड़ा-दही-चीनी त्रिगुणात्मक अछि अहाँक विचारे? खट्टर ककाक दूर्वाक्षत पड़ल अछि?' हम व्यंग्य केलियनि.

'डॉक्टर भ' क' अहाँ खट्टर ककाक कुचेष्टा क' रहल छी? तीनहि टा नाहि पाँचू टा तत्व.'

'आब पाँच टा भ' गेल?'

'औजी ओ दार्शनिक छला. अपने विज्ञान सँ जुड़ल छी. कॉर्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, फाइबर, मिनरल. की नहि अछि?'



'ई सभटा इडली-साँभर मे सेहो उपलब्ध.'

'अहि ठाम चित्तक गप्प अछि. चूड़ा-दही-चीनी खाय ठोर पसरि जाइत छैक. साँभर खाय जी फड़फड़ैल आगि भ' जाइत अछि.'

'हमरा त' दक्खिनक लोक सुभाषित लगैत छथि.'

'भाषहि मे भिन्नता आबि गेलनि. चूड़ा-दही खेनिहारक भाषा मे विराम छहि, कोनो तीव्रता नहि. एक मिनट मे दू सँ तीन शब्दक गति छहि. दक्खिनक भाषा मे पाँच शब्द प्रति सेकंड फड़फड़ाइत अगड़म-बगड़म बाजल जाइत अछि.'

'द्रविड़ संस्कृति छहि. भाषाक संरचना इडली-डोसाक युग से पहिलुका थीक.'

'संस्कृत भाषा क उपयोग अपनहु सभ करैत छी, आ दक्खिनो मे. ओहि बेर मे दूनू के गति एक. अपितु हम सभ नैवेद्य आ दूर्वाक्षतक मंत्रक गति मे हुनकहु सभ सँ आगू. पहिल आ अंतिम स्वर के अतिरिक्त किछु नहि बूझि सकबह.'

'सभ मंत्र बिसरि गेल छथि.'

'एकर इतिहास भिन्न-भिन्न जलखइ विधाक आक्रमण अछि.'

'से की कहलियइ?'

'पहिने मगह सँ सत्तू आयल. त्रिगुण सँ 'तम' लुप्त भय गेल.'

'तथार्थ दही?'

'तत्पश्चात् अंडाक आमलेट आबि 'रज' सेहो समाप्त कयलनि.'

'तथार्थ चिन्नी?'

'आब मात्र सत्व सँ बौद्धिकता क्षीण भय रहल अछि. अंडा खा क' मंत्रोच्चारण करबह मंत्र अंडे जेकाँ गोल भ' जेतह.'

'अहाँ त' चूड़ा मँगा लइत छी. हम त' विदा भेलहुँ बिदेश.'

'ओतय त' एक पर एक चूड़ा भेटत'. धान-मकइ-गहूम सबटा कतरि दइत छहि सुनइत छी. की कहइत छहि, कॉर्नफ्लैक्स?'

'से की?'

'बस कॉर्नफ्लेक्स मे चीनी आ दही सानि त्रिगुणक आनंद लेबह.'

– डॉ. प्रवीण झा 'वामागंधी'

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