इट्स वैरी सैड : डॉ फणिकान्त मिश्र

> मैथिली महायात्रा कार्यक्रम मे जुटलाह बुद्धिजीवी लोकनि 

कलकत्ता: रविदिन अंतर्राष्ट्रीय संस्था दहेज मुक्त मिथिला द्वारा आयोजित संगोष्ठी आ कविगोष्ठी मे बजैत डॉ. फणिकान्त मिश्र अपन विचार प्रकट करैत बजलाह जे मैथिल मे एकताक पूरा अभाव अछि. जाहि दिन मैथिल अपन भाखा, अपन माटि-पानि आ अपन अस्तित्वक प्रति सजग भ' जायत, ओकरा ओकर अधिकारसं केओ वंचित नहि क' सकै छै. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षणक पूर्वी क्षेत्र केर निदेशक डॉ. फणिकान्त मिश्र बजलाह जे मिथिला विश्वक प्राचीन सभ्यतामे सं अछि. एकर पुरातात्विक सर्वेक्षण बहुत आवश्यक छैक आ ओ बहुत रास मिथिला बेस प्रोजेक्ट सभ पर काज क' रहल छथि. ओ कहलनि जे मिथिला बुधिमे सदा अग्रणी रहल मुदा एकता नहि रहने हम सभ छिन्न-भिन्न भेल छी.

वरिष्ठ साहित्यकार रामलोचन ठाकुर एहि अवसर पर कोलकाताक योगदान केर चर्च केलनि. ओ बजलाह जे मैथिली मे एखन बहुत रास काज करबाक छै आ एहि लेल युवा लोकनि कें आगू आबय पड़तनि. 'मैथिली-मिथिलाक प्रति कोलकाताक योगदान' विषय पर आयोजित गोष्ठी मे प्रवीण नारायण चौधरी कहलनि जे दुनू पार मैथिलकें एकजुट भ' कुरीतिक विरुद्ध आवाज उठबय पड़तैक. एकसंग मिलि विकास पर जोड़ देबय पड़तैक. नेपाल सं आएल मैथिल युवा कार्यकर्ता निराजन झा सेहो अपन बात रखलनि. 

गोष्ठीमे भास्कर झा, गंगा झा, भवनाथ झा, मिथिलेश कुमार झा, रत्नेश्वर झा आदि लोकनि अपन आलेख पढ़लनि जे कोलकाताक योगदान पर आधारित छल. कविगोष्ठीमे राजीव रंजन मिश्र, भास्कर झा, प्रवीण चौधरी, उमाकांत झा बक्शी, कृष्णचन्द्र झा 'रसिक', नबोनारायण मिश्र, अनमोल झा आदि कवि कविता पाठ केलनि. एहि अवसर पर समाजसेवी कामदेव झा सहित महानगरक अनेक बुद्धिजीवी लोकनि उपस्थित छलाह. 
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