धरना बहन्ने एन्ने-ओन्ने

वर्तमान समएमे पृथक मिथिला राज्यक हेतु लड़ाइ लड़ै बला राजनैतिक दल आ संस्थाक उजाहि सन आबि गेल अछि मुदा, जखन जनबल सञ्गोरबाक समय अबैत अछि तऽ प्रायः सभ संस्थाक पैरुख सहजहि सोझाँ आबि जाइछ. दस-बीस सँ सैकड़ा पुरबैत-पुरबैत संस्था सभमे तबाही मचि जाइत छैक. नित नव-नव संस्था बनैत अछि पुरना टुटैत-भंगैत अछि मुदा, नवका लोक कतहु नहि देखाइछ. नवतुरिया ककरो नहि सोहाइछ, सगरो वएह पुरने गोष्ठी, सेरायल सपना, पझायल चेतना......फेर आंदोलन कोना नवरूप लेत, आंदोलनक प्रति लोकक बीच नवउत्साह कोना जागत, इत्यादि अनेक अकाल प्रश्न मुँह बओने नेतृत्वकर्ता-विचारक लोकनिक समक्ष ठाढ़ अछि आ तकरे समर्थन-घमरथनमे सभ अपना-अपनी लागल रहैत छथि. हास्यास्पद तऽ तखन आओर भऽ जाइछ जखन व्यक्तिगत स्वार्थक खातिर केयो कोनो पुरान गोष्ठीसँ बेलागि अपन स्वतंत्र बाट बनेबाक गप्प करैत छथि आ फेर किछु अपने सन बारल-बेरायल नवतुरियाकेँ संगोरि कोनो नव संस्थाक झंडा त'र किछु नवका नारा गढ़ि पुरने बाट चलैत रहैत छथि. कखनो काल तऽ ई व्यक्तिगत स्वार्थ आ पूर्वाग्रह विस्फोटक रूप धारण कऽ लैत अछि आ' फेर चौकहि-चौबटिया गारि-मारि सेहो बजरि जाइत अछि.
एकदम टटका घटना अछि जे पछिला दिन दिल्लीमे मिथिला राज्य संघर्ष समितीक तत्वाधानमे आ अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषदक प्रवक्ता डॉ.धनाकर ठाकुरक अध्यक्षतामे जंतर-मंतरपर मिथिला राज्यक समर्थनमे धरना आयोजित कएल गेल छल. दरभंगासँ दिल्लीधरि संगोरलाक बाद गोट पचासेक लोकक उपस्थिती छल. भाषण-भूसन आ फेर औपचारिकतावश राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आ गृहमंत्रीकेँ ज्ञापन देलाक बाद जखन गप्प-सरक्का चलल तऽ पृथक राज्यक औचित्य आ सामाजिक कल्याणक विषयसँ फराक व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप धरि पहुँचि गेल. बहसा-बहसीक क्रममे जे कोनो बात सोझाँ आएल तकर सत्य आ असत्य दुनूक अवस्था मैथिली-मिथिलाक लेल चलि रहल आंदोलनकेँ एकटा विद्रूप रूप उजागर करैत अछि. अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषदमे पूर्व सहयोगी कृपानंद झा गपे-गपमे डॉ. ठाकुरपर अस्सी हजार टाकाक गबनक आरोप लगौलनि जकर खण्डन करैत धनाकर ठाकुर कहलनि जे ओ टाका एखनहु सुरक्षित छैक आ ओकर कोनो गबन नहि भेलैक अछि. बाताबाती बढ़ल आ एकदिस धनाकर ठाकुर कृपानंद झा पर आरोप लगौलनि जे ओ हुनका बदनाम करबाक प्रयास कऽ रहल छथि. बादमे धनाकर ठाकुर मामिलाकेँ आओर फरिछेबाक क्रममे कहैत छथि जे केयो दाता पूर्वमे अस्सी हजारक दान देने छलाह जकरा मिथिला सेवा मंचक नामसँ बैंकमे फिक्स डिपोजिटक रूपमे राखल गेल छैक आ हरेक तीन महिना पर ओहिसँ जे सूदि अबैत छैक तकर उपयोग आंदोलनक प्रचार-प्रसार लेल कएल जाइत छैक तखन एहिमे गबन केना भेल. निश्चिते हमरा सन सोझमतिया लोककेँ एहिमे कोनो गबन नहि देखाइत अछि मुदा, फेर प्रश्न उठैत छैक जे दाताक दानक पाछाँ की उद्देश्य छलनि आ तकर पूर्ति भऽ रहल अछि की नहि? संगहि एहि आरोप-प्रत्यारोपक पाछाँ कोनो व्यक्तिगत कनारि तऽ नहि अछि ? एहि सभ प्रश्नक फरिछौट आब अत्यंत आवश्यक बुझना जा रहल अछि किएक तऽ ओहिना मैथिल नवतुरिया सभमे मिथिला-मैथिली करयबला संस्था सभसँ मोहभंग भेल छनि तइपर सँ एहन तरहक घटना हुनका सभकेँ मोन मे अनेक शंका उतपन्न करत आ ओ सभ आओर बेसी विमुख हेताह संगहि भविष्यमे आंदोलन कमजोर पड़त फेर मिथिला राज्यक सपना सपने रहि जायत.

एकटा बात साफ कऽ दी जे पछिला बीस बरखसँ धनाकर ठाकुरक एहि आंदोलनक प्रति समर्पण देखैत एहन गप्पपर केयो मैथिल सहजहि बिसबास नहि करताह तथापि हमरा सभक उमेद अछि जे दुनू पक्ष अपन तथ्यपरक दलील आमजनक बीच रखताह जाहिसँ लोकक बिसबास आंदोलन आ आंदोलनी पर बनल रहए आ समर्थन भेटैत रहय.
कोनो टा आंदोलन आ कि संगठनक रीढ होइत छैक ओकर कार्यकर्तामे अनुशासन. जाहि संस्थाक कार्यकर्ता जतबा अनुशासित रहत ओ संस्था ततबे सुरेबगर रहतैक आ फेर लोकप्रिय हेतैक. तैँ नेतृत्वकर्ताक पहिल कर्तव्य बनैत अछि जे ओ अपन संस्थामे अनुशासन स्थापित करथि. भविष्यमे एहन तरहक घटना नहि दोहराओल जाए आ मैथिली-मिथिला आंदोलन गति पकड़य जाहिमे सभ वर्गक लोकक समान सहभागिता हो आ दरभंगा-मधुबनी-सहरसा-पूर्णिया-भागलपुर-मुजफ्फरपुरसँ दिल्ली-बंबइ-कलकत्ता धरि कोनो तरहक आंदोलनात्म कार्यक्रममे हमर सभक एकजुटता प्रदर्शित होइत रहय. हमसभ दस सँ सए आ फेर हजार-लाखक संख्यामे एकट्ठा होइ एवं मैथिली-मिथिला अस्मिताक लेल संगठित प्रयास करी. जय मैथिली.
— चन्दन कुमार झा 
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