हे माय अहां बिनु आस ककर

सावन बीति गेल, भादो चलि रहल अछि आ आसिन आबि रहल अछि. समय केर एहि गणनाक अनुसार कार्तिक बाबू सपरिवार एखन बैद्यनाथधामक यात्राक ओरियान मे व्यस्त छथि. आ कार्तिक बाबू संगे बड्ड मैथिल प्रजाति गण सभ एहि सन्दर्भ मे अति व्यस्त छथि. अहाँ कहब जे हमर एहि गप्प केर की प्रयोजन अछि. हम किएक एखन कार्तिक बाबू आ अन्य मैथिल प्रजाति सभक व्यस्तताक गप्प क' रहल छी. त' एहि प्रश्नक उत्तर मे हमहू एकटा प्रश्नमाला ल' कोन मे ठाढ़ भ' मोने मोन प्रसन्न भ' रहल छी. कि त' केओ जे किछु पूछय त' किछु जवाब नै दी.. हे बरु ऊपर सं  आओरो सतहत्तरि  गोट प्रश्न हुनका सं क' दी...बस सभ प्रश्न पूछब बाहर भ' जयतनि...
हं त' आब आगा बढ़ी... हमर प्रश्नक उत्तर अहाँ दी वा नै दी..हम पूछबे करब...जे आखिर कोन एहन परोजन सभ अछि जाहि मे मैथिल सभ ब्यस्त रहैत छथि. मैथिल समाज मे अनेको समस्या समाधान लेल आन्दोलनक गप्प चलि रहल अछि. अनेको बिंदु बिनु विचारे काहि काटि रहल अछि. कागज पत्र झंडा बैनर पोस्टर मे सभ गप्प खूब नीक सं लिखल पढ़ल जा रहल अछि.  मुदा मैथिल सभ सशरीर कतय हेरायल छथि. विदेह कहायत छी हम मैथिल सभ तकर माने ई नै ने जे हमरा सभक देह नै अछि. हम सभ  खूब देहगर डटगर छी. बुद्धि विवेक हमरा सभ मे खूब भरल अछि. तखन हम सभ ब्यस्त कतय रहैत छी. आ एहि काल्पनिक प्रश्न सभक विभिन्न प्रकारक उत्तरक कल्पना करैत रहैत छी..अपने मोन मे...आ हम अपन काल्पनिक उत्तर अहाँ सभ कें अवश्य कहब. केओ प्रश्नक उत्तर देथि वा नै..हम अवश्य देब...हमर ई उत्तर सभ सर्वथा काल्पनिक अछि आ ई सभ उत्तरक वास्तविकता यथार्थ सं कोनों प्रयोजन नै...जओ कतहु होयत त' ई एकमात्र संजोग टा होयत...
आब फेर कार्तिक बाबू सं गप्प आरम्भ करी ...जे कि बैद्यनाथ धामक यात्राक ओरियान मे अति व्यस्त छथि. ओना त' बैद्यनाथ धामक यात्रा मैथिल सभ बारहों मास करैत छथि मुदा जे असल प्रकृति आ अवकाश प्रेमी मैथिल सभ छथि से नियारि क' ई महा यात्रा भादो मास मे करैत छथि...अनंत चतुर्दशी कें जल बोझब आ पंचमी कें बाबा दर्शन सह जल निष्पादन आ ओम्हर सं  वासुकी नाथ होइत तारा पीठ होइत सिमरिया कात मे दू दिनक प्रवास करैत घुमैत-घामैत 15 दिनक बाद घर वापसी. आ घर वापस भेला उपरान्त फेर स' थकनी दूर करबाक वास्ते 5 दिनक एक्स्ट्रा अवकाश. कि त' सुस्ता रहल छी. एहन घोर थकावटक प्रदर्शन जे बुझू ओ 15 दिनक तीर्थ नै 14 बरखक वनवास काटि क' घर अयलाह अछि.

आ हो किएक नै... ई 15 दिन मे घटनो सभ त' एहने एहने घटैत रहलैक कार्तिक बाबूक परिवार संगे. औ मैथिल जनानी सभ अहिना हेरा जाइत छथि. मैया सीता अहिना हेरा गेल छलीह. आ कार्तिक बाबू बुझू जे सउँसे बैद्यनाथ धाम मे हरबिर्रो मचि गेल जे कार्तिक बाबू कें कनिये हेरा गेली. कनिया सेहो भूतिया गेली. त' भेल कि नै वैह 14 बरखक बनवास बला संजोग. जे काज सभ 14 बरख मे भगवन नै क' सकला ताहि सं बेसी बिकट बिचित्र झंझटि सभ सं कार्तिक बाबू लोहा लेला आ ओहो बिना बानर भालू सभक सहयोग लेनहि  एक त' कनिया भूतिया गेलनि, दोसर जे एहि समस्या सं अपस्यांत भ' कार्तिक बाबू अनायासे मंदिर परिसरक कछेर मे मूत्र विसर्जन करइत गिरफ्तार क' लेल गेलाह...ओऊ जी..आब बैद्यनाथ धाम मे ओ समय साल नै ने छैक जे कतहु ठाढ़ भ' रावण जकां गंगा सागर बना दी. बस कार्तिक बाबू अपने थाना मे..कनिया पता नै कोन थाना मे आ बाल बच्चा सभ लालटेन पंडाक ओहिठाम भूखे प्यासे कछमछ क' रहल छथि.
होऊ..येन केन प्रकारेन कार्तिक बाबू एहि बाधा सभ सं मुक्ति पेला आ कनी मनोरंजन वास्ते चित्रकूट तपोवन भ्रमण करय गेला...सपरिवार...आ ओही ठाम दोसरे तमाशा भ' गेल...हुनकर कनिया कें फेर आपदा विपदा सभ घेरि लेलक..कि भेल..जुलुम भ' गेल..कनियाक कपिराज बनमानुख हबैक लेलकनि... बुझि  पडैत अछि जे कपिराज महोदय कें कार्तिक बाबू केर कनिया मे मैया जानकी अभरलनि...ताहि स्नेह दुलार अनुराग जे बुझि लिअय..सैह भावना सं एक हवक्का मारि देलथि न...ओना त' कार्तिक बाबू केर कनिया खूब नीक स्मार्ट पढ़ल लिखल होम साइंस ऑनर्स महिला छथि मुदा होम साइंस केर डिग्री एखन धरि मिथिला यूनिवर्सिटी मे लटकल अछि. विवाह केर ई 15म बरख छी...मुदा डिग्री नै निकलल ..मिथिला यूनिवर्सिटी मे कन्वोकेसन (दीक्षांत समारोह) केर प्रथा नै अछि...मुदा 5 साल मे केहनो डिग्री बड़ा बाबू केर हाथ सं प्राप्त कयल जा सकैत छल संग में रशीद सेहो. धन्य बड़ा बाबू जे सभ कें अपना हाथ सं डिग्री लिखि क' देइत  छथि, ने त' कुलपति महोदय कें एतेक फ़ुरसति छनि ई सभ काज करवाक लेल. आब एहन सुलभ व्यवस्था मे कार्तिक बाबू  अखन धरि अपन कनिया केर डिग्री नै निर्गत करवा सकला...आखिर ओ कतय व्यस्त छला ई 15 साल सं?..होऊ मैथिल छथि...कतहु ने कतहु त' व्यस्त हेबे करता...आ कोनों तेहने सन काज हेतनि...बैद्यनाथधाम जाय बला...
हँ..त' आब चलू फेर कार्तिक बाबू केर समस्या सभ पर...कनिया केर वानर रोग विमोचन हेतु तत्काल व्यवस्था मे ललका रोशनाइ वला दवाइ मात्रे उपलब्ध छल. अहाँ कहब जे किए...??? बाबाधाम मे कोनों नीक हॉस्पिटल नै अछि...अछि हॉस्पिटल..किएक नै रहत..नीलकंठ नगरी बाबा बैद्यनाथधाम मे त' दोगे-दोग वैध सब बैसल छथि. मुदा कार्तिक बाबू कें के बुझाबय? . ओ चल गेला सोझे कावरिया मुफ्त स्वस्थ केंद्र शिविर मे. मैथिल छथि. मंगनी कें चन्दन घसियह हो रघुनन्दन बला गप्प चरितार्थ कोना नै करताह. आ एतेक दूर स उठैत बैसैत आयल छलाह. ताहि कारणें कावरिया होबाक साकांक्ष भावना सं ओतप्रोत भ' एही मुफ्त सेवाक लाभ उठेला. कनियाक हाथ मे ललका रोशनाइ कन्याक हाथ पैर ललका रोशनाइ सं रंगल गेल होइ... नीलकंठ त' सउँसे विश्व रक्षाक लेल हलाहल पी गेला. आब साक्षात् नीलकंठ नगरी मे ई मात्र कार्तिक बाबू केर कनियाक प्रश्न छलनि आ ओहो बानरक बिख. आ ओहू सं काज नै चलत त' कार्तिक बाबू  लग अन्य दोसरो विकल्प सभ  छनि.
कार्तिक बाबू केर मौसा बिक्ख झारए केर काज करैत छथि. पीठ पर पितरिया थारी सटा की जाने कोन मंत्र मंदिर परिसर केर  कछेर मे मूत्र विसर्जन करइत गिरफ्तार क' लेल गेला. ओऊ सुतैत पद यात्रा उपरान्त बाबा धाम बला दवाइ खूब नीक लागि रहल छलनि, जेना नव विवाहित सभ  कहैत छथिन. जओ पीठ मे थारी सटि गेल त' बिख लागल अछि. कार्तिक बाबूक लेल घर गेलाक बाद एकटा इहो काज लागल छनि. जाहि मे ओ ब्यस्त होबय बला छथि. फेर आगू आरो काज सभ छैक. जेना आसिन मे कलशस्थापन, बलि प्रदान केर वास्ते छागर खरीदब, जतरा कें परात सं लगन मे विभिन्न जगह सं लड़का-लड़की केर पता करब आ घटकैती करब. लगन मे एकटा जायलो सेहो ल' रहल छथि. पहिने सं दूटा स्कार्पियो आ बोलेरो हुनक दरवज्जा पर शोभायमान छनि. ई लगन मे जायलो सेहो आयब रहल छनि. कार्तिक बाबूक परिवार जमीन जथा संपन्न छनि.  बाबा-परबाबाक समय सं जमींदारी जोतैत एलाह अछि.
आब जमींदारी त' नै रहल मुदा जमीन अछि. खेत पथार सं एतवा अन्न-पानि भ' जाइत छनि जे बरख भरि सुतलो रहता त' कोनों अशोकर्य नै. अपने शिक्षा विभाग मे फोर्थ ग्रेड कर्मचारी छथि. अनुकम्पा सं नौकरी भेल छलनि. मुदा अखन धरि प्रोमोशन नै भेटल. इहो सन्दर्भ मे केस मोकदमा  कोर्ट कचहरी सभ मे व्यस्त रहैत छथि. वेतन वृद्धि, महंगाइ भत्ता, टीए-डीए, पेंसन बीमा आदि सभ मुद्दा केर फ़ाइल हुनका काँख त'र मे पडले रहैत छनि. आब एही परिदृश्य मे कार्तिक बाबू कें एत्तेक फ़ुरसति कहाँ जे  ओ मैथिल सामजिक समस्या सभ पर विचार करताह आ किछु  नव क्षेत्र मे अपन व्यस्तता बढेताह...
बैद्यनाथ धाम मे मार्केटिंग भ' गेल...सेनूर, टिकुली, लहठी, चूरी, चानन-चनरौटा, शालीग्राम, शंख, ताम केर फुलडाली, अर्घा पंचपात, फूलही  लोटा आ... चूरा-पेरा ई सब सामग्री सं सबटा झोरा भरि गेल. कार्तिक बाबू केर कनिया एकटा भगवती गीतक सीडी सेहो किनलथि. सब सामान बोलेरो केर पछुलका सीट पर लदा गेल. कार्तिक बाबू अपन बोलेरो ल' आयल छलाह. सुलतान गंज सं  बाबाधाम धरि पैदल मात्र आ तत्पश्चात बोलेरो यात्रा. कार्तिक बाबू केर कनियाक बाबाधाम मे किछु दिन आओर  रुकबाक मोन छलनि. मुह लटकल देखि  कार्तिक बाबू बजला...तीर्थ यात्रा मे आयल छी पिकनिक मे नै.. आब सोझे घर चलू. ड्राइवर सीट संगे कार्तिक बाबू आगा मे बैसल. कनिया बाल बच्चा सब संगे बिचला सीट पर औंघाइत. बोलेरो गाडी   बोल बम करैत झारखण्ड केर मार्ग पर दौगैत ...आ बोलेरो मे कार्तिक बाबूक कनिया केर कीनल भगवतीक गीत बाजि  रहल अछि. जगदम्ब अहीं अवलम्ब हमर...हे मा
अहां बिनु आस ककर...???
— विकास झा

फिल्म निर्देशक, लेखक आ छायाकार छथि. मातृभाषा प्रेमवश अपन निर्देशन मे पहिल फीचर फिल्म "मुखियाजी" बनौलनि. निरंतर नब प्रयोग आ नब विचार केर फिल्म निर्माणक क्षेत्र मे अग्रसर.
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