कलकत्ता. वेब पर मैथिली ओ मैथिल केर पर्याप्त उपस्थिति कें देखैत एक नव आ नीक प्रयास भेल अछि. नाना प्रकारक संजाल केर संगहि मैथिली सोशल साइट मिथिलाफेस एक नीक विकल्प अछि. एतय खुजि क' मैथिली ओ मिथिला केर मुद्दा पर मैथिल चर्च क' सकैत छथि आ छिरियाएल दोस-महिम सं गप्प-सरक्का केर संगहि सूचना केर संचार सेहो क' सकैत छथि. मैथिली भाषा मे इंटरनेट ब्राउजर (फायरफोक्स) आ इन्टरनेट सर्च इंजिन (गूगल मैथिली) उपलब्ध अछि, मुदा सामाजिक संजाल नहि छल. मैथिली भाषाक पहिल आ एकमात्र सोशल साइट (सामाजिक संजाल) आबि गेल अछि मिथिलाफेस केर रूप मे. कोनो सामाजिक संजाल बनायब आसान नहि होइत अछि. लगभग छओ मास धरि अथक कोशिश केलाक बाद मिथिलाफेस उपलब्ध भेल अछि. मिथिलाफेस कें मैथिली मे बनेबाक श्रेय रौशन चौधरी कें जाइत अछि. जे बहुत संयमक संगे डेग बढ़ा रहल छथि.

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