मधुरगर टोन

नाओं बियाहक सुनिते देरी लागल घटकक लाइन
एही लगन मे हमहूँ भंसितौ ज' बाबू जैतथि माइन

भोरे-भोरे पहुँचिते दफ्तर कोनो सज्जन केला फोन
कुशल-छेम अभिवादन केलियनि  बना मधुरगर टोन
गाम ठाम सभ पूछि क' धड़ द' पूछि देलाह दरमाहा
बिनु संकोचे सुना देलहुं हम साल भरिक बन्हलाहा
भेला प्रभावित वार्तालापे कहला प्रोफाइलो सुपरफाइन
एही लगन में हमहूँ भंसितौ ज' बाबू जैतथि माइन

बाबूजीक छनि मांग कते की से हम की बूझ' गेलियइ
पूछबा केर हिम्मत कोना करब हम त' बच्चे भेलियइ
एतबा अछि विश्वास मोन मे जे किछु करताह से नीके
पुतोहु चुन' में कम्प्रोमाइज ने करता तखन डर कथीके
बेटा बेच नै पाइ कमेता चाहे देथिन कियो कतबो गाइन
एही लगन में हमहूँ भंसितौ ज' बाबू जैतथि माइन

रंग बिरंगक कपड़ा पहिरी रोजे रोज छंटाबी कानी
लोक कहय से क्रीम लगाबी जेकरहु नाम ने जानी
सुन्नर कनियाँ भेटतीह हमरो देखी मोन में सपना
सजतै जोड़ी चान-चकोरीक 'बौआभाई' केर अंगना
मोन छल जे छी कवि त' कनियाँ भेटथि गीतगाइन
एही लगन में हमहूँ भंसितौ ज' बाबू जैतथि माइन
  
— मनीष झा 'बौआभाइ'
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